गिरिडीह-वट सावित्री पूजन को लेकर विभिन्न वट वृक्ष स्थलों में उमड़ी व्रतियों की भीड़।


वट सावित्री पूजन को लेकर गिरिडीह के विभिन्न वट वृक्ष स्थलों में उमड़ी व्रतियों की भीड़, विभिन्न स्थानों में पुरोहितों द्वारा वट सावित्री की कथा भी कही गई जहाँ महिलाओं ने बड़े श्रद्धा से कथा का ज्ञान अर्जित किया साथ ही सामाजिक दूरी का भी बखूबी ध्यान रखा गया। महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र की कामना की वहीं दूसरी ओर देश मे फैले कोरोना माहमारी को दूर भगाने की भी कामना की गई। इधर पुरोहितों की माने तो पौराणिक कथाओं में कई जगह इस बात का जिक्र किया गया है कि महिलाओं द्वारा अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखे गए व्रतों में बहुत शक्ति होती है। वट सावित्री का व्रत भी महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को रखा जाता है, जो इस बार 22 मई को है। इस व्रत में वट वृक्ष यानि कि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। वट वृक्ष पर सुहागिनें जल चढ़ा कर कुमकुम, अक्षत लगाती हैं और पेड़ की शाखा में चारों तरफ से मोली बांधती हैं। पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद सती सावित्री की कथा सुनती हैं। कहा जाता है कि इस कथा को सुनने से सौभाग्यवती महिलाओं को अखंड सौभाग्य की की प्राप्ति होती है इसी मान्यता को लेकर महिलाएं बड़े श्रद्धा भाव से यह व्रत व वट सावित्री पूजन करती हैं।।